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Showing posts from August, 2019

INDIA

रज़ा

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  तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो तेरी हर रज़ा में भी मेरी मजा हो  तुझसे अलग जी न चलता जहां का  हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो।। तुझसे है सूरज ये चांदनी तुझसे तुझसे जहां है ये रागिनी तुझसे तुझसे महकती फिज़ा इस जहां की सारे जहां की तुम्ही एक वजह हो हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो  तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो।। मेरे मौला मैं तो हूं आशिक तेरा ही गले से लगा ले या दूरी बना ले  मैं होके फ़ना हो जाऊं जहां की रहम के बिना तेरे जीना कज़ा हो हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो।।                        🎉DC✨️✨️✨️                                    🍓🍍🍍👍👍

अनुराग

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प्रेम,प्यार,अनुराग न जाने और क्या क्या कहते हैं लोग इसे।भारतीय समाज में प्रेम का महत्व उतना ही प्राचीन है जितनी सभ्यता क्योंकि हमारे यहाँ सम्पूर्ण चर-अचर से संबंध का आधार या मूल तत्व प्रेम को माना गया है।आज के परिवेश में प्रेम को एक विकृति के रूप में प्रस्तुत करने का दुस्साहस किया जा रहा है आज युवा धड़ल्ले से संबंध बना रहे हैं जिसे बढ़ते अपराध का कारण भी माना जा रहा है आज का यह लेख इसी भ्रांति को दूर कर प्रेम के सकारात्मक पहलू को प्रस्तुत करने का प्रयास मात्र है। हमारे भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में प्रेम के महत्व को रेखांकित किया गया है।महाप्रभु वल्लभाचार्य के पुष्टिमार्ग एवं सूफ़ीवाद का प्रमुख विषय ही प्रेम है इस प्रकार प्रेम ईश्वर से मिलने का मार्ग भी प्रशस्त करती है।मीरा को साक्षात कृष्ण के दर्शन अपने निष्काम प्रेम के बल पर ही प्राप्त हुआ था।वाल्मीकि हो या कालिदास स्त्री के प्रेम ने ही उन्हें इतिहास में अमर कर दिया।फिर तो हमारे यहाँ प्रेम करने वालों की फहरिश्त बड़ी लम्बी है हीर-रांझा हो या लैला-मजनूँ आज भी युवाओं की पहली पसंद है। भारतीय धर्म शास्त्र में भी पुरुषार्थ के चार प्र...

अरे! यार!

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ये कहानी है तीन दोस्तों की जिनकी दोस्ती का परवान जितनी तेजी से चढ़ा था उससे भी तेज गति से उतरने का सिलसिला रहा ऐसा क्यों हुआ आइये जानते हैं। बात कालेज के दिनों की है।इंजीनियरिंग करने के लिए मैं रायपुर आ गया था एक प्रतिष्ठित कालेज में एडमिशन भी मिल गया।वैसे यहाँ दोस्त तो बहुत बने मगर जैसे होता है न कुछ विशेष लोगों से विशेष अपनापन ये लेख उन्ही खास दोस्तों के लिए है।वैसे तो आदेश,जागृत,राधेश्याम और तरूण मेरे सबसे करीब रहे मगर आज हम बात करेंगे सिर्फ आदेश और जागृत की। मेरे क्लास का पहला दिन था,मैं तकरीबन एक माह बाद क्लास ज्वाइन किया था।पहले ही रो में आदेश और जागृत बैठे थे वे तब तक पक्के दोस्त बन चुके थे मैं उनसे अनजान था और मुझे एक माह का सिलेबस भी कम्पलीट करना था सो मेरा ध्यान पढ़ाई में लग गया पंद्रह दिन बाद क्लास टेस्ट था मैं उसमें अव्वल आ गया इस पर हमारे फिजिक्स के टिचर ने उत्साह बढाया और उसके बाद आदेश से बातचीत प्रारंभ हुआ हम दोस्त बन गए लेकिन जागृत अभी भी अलग-अलग था खैर कुछ दिनों बाद ही हम तीनों बेस्टफ्रेंड्स हो गये आदेश रोज टिफ़िन लाता था तो साथ में खाते थे कभी कैंटिन तो कभी मेस ...

घोटुलः-बहुद्देशीय आदिम व्यवस्था

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भारत विश्व के प्राचीन सभ्यताओं वाला देश है, इन्ही सभ्यताओं में से एक हमारे आदिवासी समाज है।हाल ही में हुए शोध में दक्षिण भारत से कुछ ऐसे मानवीय अवशेष प्राप्त हुए हैं जिनकी पहचान द्रविड़ प्रजाति के रूप में किया गया है तथा इसकी आयु चालिस हजार वर्ष आंका गया है साथ ही सिन्धु  सभ्यता से भी निकट संबंध पाया गया।वैसे भारत में 'आदिवासी 'के स्थान पर 'वनवासी 'शब्द को तरजीह दी गई है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 में भारत के कुल 705जातियों को अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है,जिसमें से 42जनजातियों का निवास स्थल छत्तीसगढ़ में है।'मुरिया' इन्ही में से एक है जिसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जनजाति माना जाता है।इनके खान-पान,आवास-निवास , भाषा,विवाह,व्यवसाय,मनोरंजन आदि में व्यापक विविधता है। 'घोटुल' मुरिया जनजातियों में समाजीकरण का एक महत्वपूर्ण अभिकरण है।यह एक बहुआयामी व्यवस्था है।इसका मुख्य उद्देश्य जनजातीय संस्कृति से युवाओं को परिचय कराना तथा मानसिक विकास सुनिश्चित करना है। मानवशास्त्री शरतचंद्र      के अनुुुसार घोटुल वह व्यवस्था है जहां आदिवासी यु...

जल संकट

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जल ही जीवन है,जल है तो कल है,ऐसे न जाने कितने स्लोगन हमारे चारो तरफ लिखे हुए मिलते हैं।सोसल मीडिया पर खुब जल बचाते हुए लोग भी मिलेंगे।नेता-अभिनेता,जनता सब सेल्फी के चक्कर में सही एक ढोंग तो कर ही देते हैं।ऐसे में धरातल पर जल बचाने की कवायद भी धूमिल पड़ती दिख  रही है। आए दिन पानी की किल्लत तो हमने देखी ही है ऐसे में 'नीति आयोग' द्वारा जारी रिपोर्ट देश की जल समस्या का वास्तविक स्थिति का खाका प्रस्तुत कर रही है।यह रिपोर्ट देश में जल संकट के भयावह स्थिति को प्रकट करती है इस रिपोर्ट के अनुसार- Chennai water crisis हर वर्ष दो लाख लोगों की मौत दूषित जल के उपयोग से हो रही है। साठ करोड़ लोगों के सामने पेय जलापूर्ति का संकट है। 2030 तक देश में पानी की मांग दो गुनी हो जायेगी देश की अर्थव्यवस्था पर 6%तक का नुकसान होगा 70%प्रदूषित जल के साथ ही भारत "जल गुणवत्ता सूचकांक"2018 में 122देशों के सूची में 120वें पायदान पर है। 2020 तक 21 शहरों में भीषण जल संकट का खतरा। हाल ही में हमने चेेन्नई जल संकट देखा और नौबत यहां तक पहुंच गई की ट्रेन सेे जलापूूर्ति की गई। यही हालात ना...

गुरूकुल

विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक भारत सदैव ही अपनी शिक्षा पद्धति और ज्ञान की गुणवत्ता के लिए विश्व में आकर्षण का केंद्र रहा है।इस व्यवस्था में गुरूकुल परंपरा का महत्वपूर्ण स्थान रहा है,यह सार्वधिक प्राचीन शिक्षा प्रणाली में से एक है,जहां गुरु-शिष्य के मध्य बनने वाले आत्मीय संबंध को ही शिक्षा का प्रथम चरण माना जाता था।यह एक प्रकार का आवासीय शिक्षण व्यवस्था थी जहां छात्र आठो पहर गुरु के छत्रछाया में रहता था।समय के साथ सभ्यता बदलती गयी तो व्यवस्थाएं भी बदली।इसी देश ने तक्षशिला ,नालंदा विश्वविद्यालय का परचम विश्व में लहराया था तो आज शीर्ष 200 में भी हमारे एक भी विश्वविद्यालय (वर्तमान में तीन शामिल) नही है।अंधानुकरण,पाश्चात्य शिक्षा की फूहड़ नकल और व्यापार बनती शिक्षा व्यवस्था में सब कुछ है सिवाय बेहतर शिक्षा के।      इस औद्योगिक होती शिक्षण संस्थानों के बीच में आज भी एक शिक्षक ऐसा है जो जुगनु होकर भी भारतीय समाज एवं परंपराओं का संवर्धन करते हुए शिक्षा के उस प्रचीन गुरूकुल परंपरा को नये कलेवर में प्रस्तुत करते हुए छात्रों को उनके राह दिखाने में तल्लीन हैं।   ...