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India vs China |
आज फिर सुबह-सुबह बलवान चचा दातुन चबाते खिसिया रहे थे, जड़ों तक हिल चुके दांतो के ढुलमुल पोलों से रिसते मचलते लार को अपनी एक बांह से लपेटते हुए ,दूसरे हाथ से अपनी बची खुची लूंगी संभालते हुए, अंगुली में लोटा चीपे बैलेंस बनाते हुए क्रांतिकारी मुद्रा में खड़े होकर मुंशीपार्टी के बिना टोंटी वाली नल से निर्बाध झरती मटमैले जल के करतल ध्वनि से राग मिलाकर ज्यों भड़के कि क्या बताऊं! क्षणभर में मोहल्ले के सारे निखट्टू निपट आवारापन के क्रम तोड़ते हुए भावी घटित दृश्य की साक्षी बनने हेतु इर्द-गिर्द इकट्ठे हो गए । चाचा ने चाइनीस तवे से गर्मी भांपकर अपनी आवाज बुलंद करने के लिए जर्जर हो चुके कृशकाया से एड़ी चोटी की बल लगा दी। नल से लगी सरकारी सुलभ शौचालय की उखड़ती प्लास्टर पर लाल दंतमंजन की पिक उड़ेल दिया और लो पल भर में चीन का नक्शा तैयार।अब चचा दातुन को फौजी डंडा बनाकर फौज के मूछों वाले कर्नल के भांति सीमा विवाद पर विश्लेषण के मुद्रा में आ चुके थे कि तभी भगवंती की चीख निकल पड़ी यह क्या! चाचा ने अपनी पड़ोसन भगवंती के आदमी नौलक्खा के मच्छरदानी सरीखे बनियान जो दो-तीन दिन पहले चोरी हो चुकी थी पहन रखा था जिसकी सीबीआई जांच मंगल चप्पल चोर कर रहा था, मंगल चप्पल चोर मोहल्ले का बड़ा ही ईमानदार और नामी चोर था, इसका अंदाजा इस बात से लगाई जा सकती है कि मोहल्ले में चोरी किसी के भी घर में कोई भी करें पेशी हमेशा मंगल की ही होती थी,चचा ने बिगड़ती बात को संभालते हुए उम्र का हवाला देकर शरीर से खींचकर बचा खुचा बनियान भगवंती के मुंह में दे मारा , भगवंती पास से बहती गंदी नाली के बदबू से तो वाकिफ थी मगर चचा के बदन का जायका इतना खराब था कि भगवंती तो मौत के देहरी में पहुंच ही गई, मोहल्ले के दो नामचीन 'नारकोटिक्स एक्सपर्ट' भी बाल बाल बचे।
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India vs China |
अब चाचा ने छेड़ दी वह बात जिसके लिए लंबी भूमिका बना रहे थे। हां! भूमिका बनाने में चचा का जवाब नहीं दस बाय बारह के सरकारी आवास के सार्वजनिक लॉन में मोहल्ले के ही नेता टाइप फुरसतियों को लच्छेदार भाषण देने की कला का प्रदर्शन और प्रशिक्षण दोनों किया करते थे जिस पर बात कभी और करेंगे। मसला अभी चीन का है चचा ने नल के नीचे रखे फूटी बाल्टी से दातुन डूबा कर एलएसी की लाइन खींच दी, ना इधर ना उधर, ठीक बीचोबीच जैसे वे ही इस 'रेखा के पिता' हो और फिर चीनी पर्दे दरबदर हो गए। चीन का ऐसा बखिया उधेड़ा कि पूरा मोहल्ला आक्रोश से भर गया। चचा चीन की हरकतों का सिलसिलेवार ब्योरा जिस भाव भंगिमा से दे रहे थे उनके सामने आज की 'वाणीवीर' पत्रकार भी फैल थे कभी बाल्टी उठाकर अपनी थूलथूली भुजाओं के पराक्रम दिखाते तो, कभी छाती पीटकर मजबूरियां गिनाते इस प्रकार महाभारत में कृष्ण के भांति मोहल्ले को 'फसाद योग' से 'राजयोग' की शिक्षा दे रहे थे, अंत आते-आते माहौल गर्मा चुका था गरम लोहा देखकर हथोड़ा मारने की लालसा का अतिवाद कहिए कि आखिर में चचा ने लूंगी फाड़ दी और एक डंडे से झंडे गाड़ दिए और चीन विजय की घोषणा कर रात्रि विलास की व्यवस्था का आज्ञा दे डाली। चीन को पराजित कर मोहल्ले वाले रात भर नाचते गाते रहे। जश्न मनाते रहे।अगले दिन रेडियो पर लंबी बीप के साथ यह घोषणा हुई कि चीन ने भारत पर हमला कर दिया है।😭😭
✍️ DC.
बढ़िया 👌👌
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