INDIA

रज़ा

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  तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो तेरी हर रज़ा में भी मेरी मजा हो  तुझसे अलग जी न चलता जहां का  हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो।। तुझसे है सूरज ये चांदनी तुझसे तुझसे जहां है ये रागिनी तुझसे तुझसे महकती फिज़ा इस जहां की सारे जहां की तुम्ही एक वजह हो हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो  तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो।। मेरे मौला मैं तो हूं आशिक तेरा ही गले से लगा ले या दूरी बना ले  मैं होके फ़ना हो जाऊं जहां की रहम के बिना तेरे जीना कज़ा हो हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो।।                        🎉DC✨️✨️✨️                                    🍓🍍🍍👍👍

'नव भारत'की संकल्पना चुनौतियां और संभावनाएं




'नव भारत' गांधी,सुभाष,सरदार पटेल,अंबेडकर,नेहरू जैसे महान् लोगों के सपनों का भारत है। निकट भविष्य में गरीबी, भ्रष्टाचार, अपराध, आतंकवाद, नक्सलवाद इत्यादि व्याधियों से मुक्त और एकता, अखंडता, सहिष्णुता ,समानता ,बंधुत्व, वैज्ञानिकता, सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक क्षमताओं से युक्त सशक्त राष्ट्र को 'नव भारत' की संज्ञा दी गई है।
दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एवं उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति के रूप में पहचान बनाने वाली भारत अब नव सृजन के राह पर निकल पड़ा है।सन् 2014 में सत्ता परिवर्तन के साथ ही नवीन भारत की नींव रखी गई जिसका मूल उद्देश्य भारत का समावेशी विकास है,इस हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय एवं लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं।यथा गांधी जी के 150वीं जयंती पर 'स्वच्छ भारत की संकल्पना', भारत छोड़ो आन्दोलन के 75वीं वर्षगांठ पर गरीबी,गंदगी और आतंक भारत भारत छोड़ो का नारा दिया गया, सबके लिए आवास,पेयजल,हर घर को बिजली,स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता इत्यादि सामाजिक सुविधाओं को सुनिश्चित किया गया है इसके साथ ही अधोसंरचनात्मक परिवर्तन जैसे डिजिटल इंडिया, वित्तीय समावेशन, आयुष्मान भारत निर्माण द्वारा प्रगतिशील सशक्त एवं स्वस्थ्य समाज की संकल्पना प्रस्तुत की गई है।
नव भारत 'सबका साथ सबका विकास', 'सर्वोदय' और 'अंत्योदय' जैसे आधारिय मंत्रों के साथ नव राष्ट्र निर्माण में की जा रही भगीरथी प्रयास है।
भारत एक विकासशील राष्ट्र होने के नाते कई बुनियादी चुनौतियां यथा कुपोषण,बेरोजगारी,यौन अपराध,राजनीति का अपराधीकरण, भीड़तंत्र, सम्प्रदायिकता ,सीमा सुरक्षा ,आर्थिक मंदी इत्यादि 'नव भारत' के निर्माण में सुरसा के समान मुख फैलाये खड़ी है।हाल के दिनों में कुछ प्राकृतिक प्रकोप जैसे बाढ़,सुखा,पेयजल समस्या, चक्रवात, दवानल आदि नवीन चुनौतियां भी सम्मुख है।शिक्षा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होती है किन्तु भारत की शिक्षा व्यवस्था काफी पिछड़ी हुई है, शीर्ष 200 वैश्विक विश्वविद्यालयों में हमारी एक भी विश्वविद्यालय नहीं है यह भारत के पुनः विश्वगुरु बनने के राह में बाधक है। सोने की चिड़िया कहलाने वाली भारत में आज भी 25करोड़ आबादी गरीबी रेखा से नीचे हैं।राष्ट्र के दामन पर 5करोड़ बाल श्रमिकों का दाग लगा है,इन बुराइयों पर जब तक विजय प्राप्त न किया जाए तब तक नव भारत की संकल्पना "थोथा चना चबाने" जैसा है।
भारत इन तमाम चुनौतियों के बावजूद लगातार अपनी अदम्य साहस,रचनात्मकता और प्रगतिशील कार्यशैली का परिचय देता आया है। नव भारत इन चुनौतियों को अवसर के रूप में देखता है। मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया युवाओं के सपनों को पर देने का काम कर रहा है, तो स्किल इंडिया   दक्ष मानव संसाधन के निर्माण में महती भूमिका निभा रहा है। खुले में शौच मुक्त भारत आज विश्व को पर्यावरण संरक्षण के दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।हाल ही में 'फिट इंडिया मूवमेंट' और 'प्लास्टिक फ्री मूवमेंट' ने विश्व का ध्यान आकर्षित किया है। 2025 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का महत्वाकांक्षी निर्णय से संबद्ध अनेक आर्थिक सुधार किये गये हैं।किसानों के आय दोगुना करने के लिए कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलावों को शामिल किया गया है। ये सभी कदम भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा उठाया गया है।विश्व ने योग की महत्ता को स्वीकार किया है ,भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा की जा रही बहुआयामी खगोलीय अनुसंधान के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है।चंद्रयान-2 को विश्व ने सराहा है,यह भारत का पुनः विश्वगुरू बनने की ओर बड़ा कदम है।
इस प्रकार भारत अनंत संभावनाओ वाला देश जो अब नव भारत के रूप में और अधिक प्रभावशाली व प्रगतिशील हुआ है, बहुआयामी विकास प्रारूप के आधार पर नव भारत की संकल्पना साकार करने के लिए 135 करोड़ जन आबादी तत्पर हैं। इस प्रकार जय-जवान,जय-किसान,जय-विज्ञान व जय-अनुसंधान को चरितार्थ करने वाला भारत विश्व में 'नव भारत' के रूप में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल हुआ है।

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