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INDIA

रज़ा

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  तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो तेरी हर रज़ा में भी मेरी मजा हो  तुझसे अलग जी न चलता जहां का  हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो।। तुझसे है सूरज ये चांदनी तुझसे तुझसे जहां है ये रागिनी तुझसे तुझसे महकती फिज़ा इस जहां की सारे जहां की तुम्ही एक वजह हो हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो  तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो।। मेरे मौला मैं तो हूं आशिक तेरा ही गले से लगा ले या दूरी बना ले  मैं होके फ़ना हो जाऊं जहां की रहम के बिना तेरे जीना कज़ा हो हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो।।                        🎉DC✨️✨️✨️                                    🍓🍍🍍👍👍

रज़ा

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  तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो तेरी हर रज़ा में भी मेरी मजा हो  तुझसे अलग जी न चलता जहां का  हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो।। तुझसे है सूरज ये चांदनी तुझसे तुझसे जहां है ये रागिनी तुझसे तुझसे महकती फिज़ा इस जहां की सारे जहां की तुम्ही एक वजह हो हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो  तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो।। मेरे मौला मैं तो हूं आशिक तेरा ही गले से लगा ले या दूरी बना ले  मैं होके फ़ना हो जाऊं जहां की रहम के बिना तेरे जीना कज़ा हो हँस के भी सह लेंगे कोई सजा हो तू रख ले मुझे जैसे तेरी रज़ा हो।।                        🎉DC✨️✨️✨️                                    🍓🍍🍍👍👍

दुखालय

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  बुद्ध जगत को दुखालय कहते हैं , पर यह किसके लिए दुखालय  है सिद्धार्थ  के लिए या बुद्ध  के लिए, जबतक  बुद्ध  सिद्धार्थ  थे तब तक वे सुखसागर मे विराजमान  थे कोई  दुख उनतक  पहुंच ही न पाई वो तो संयोग मात्र था कि कुछ  घटनाओ ने सिद्धार्थ को बुद्ध होने के पथ पर अग्रसर कर दिया । इन घटनाओ ने सिद्धार्थ  पर ऐसा असर किया  मानों लाखो लाखो तूफान मन से टकराया हो पूरी मान्यता और संसार के प्रति बनाई  गई समझ की महल टूट कर चकनाचूर  हो गया और फिर शुरू हुआ  हृदय के भीतर एक गहरा समुद्रमंथन इस मंथन मे जो विष निकला वह था "चार आर्य सत्य" जिसका प्रथम आर्य सत्य ही इस जगत को दुखालय होने की घोषणा करता है और जो अमृत निकला वह है "अष्टांगिक मार्ग " जैसे हिन्दू गंगा में जाकर अपने सारे पापों का प्रायश्चित करता है यह अष्टांगिक मार्ग उसी पापनाशिनी गंगा तक पहुंचने का मार्ग है जो इस मार्ग से पहुंचेगा वो गंगा की निरा प्रवाह को देख पायेगा उसकी ममता को समझ पायेगा इस मार्ग की कंटक मनुष्य  के सारे पाप को मार्ग  में ही जकड़कर नष्ट  कर...